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मुख्यमंत्री ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पुष्प अर्पित कर लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि दी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी भारतरत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के 150वें जयन्ती वर्ष में गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, एकता नगर में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को समर्पित एवं ‘देखो अपना देश’ की पहल के अन्तर्गत आयोजित ‘भारत पर्व 2025’ में उत्तर प्रदेश की विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पुष्प अर्पित कर लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि दी तथा विजिटर बुक पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्हांंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’, टीम पवेलियन एरिया, क्राफ्ट एण्ड फूड स्टॉल एरिया तथा स्टूडियो किचन एवं प्रोजेक्शन मैपिंग-शो का अवलोकन किया। ‘भारत पर्व-2025’ के अवसर पर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न अंचलों से चयनित कलाकारों ने उत्तर प्रदेश की ‘उन्नत संस्कृति एवं समग्र विकास’ का भव्य प्रदर्शन किया, जिसका मुख्यमंत्री जी सहित अन्य महानुभाव ने अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने मां नर्मदा के पावन तट पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत की एकता की प्रतिमूर्ति है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन का परिणाम है। यह भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का केन्द्र बन रही है। विगत 07 वर्षां में यहां बहुत परिवर्तन हुए हैं। एक वीरान जगह को टूरिज्म के एक बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया गया है। गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस पावन धरा पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सान्निध्य में भारत पर्व के आयोजन से हम जुड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश से लेकर द्वारकापुरी तक का पूरा भाग आज यहां जुड़ रहा है। अरुणाचल प्रदेश का नेतृत्व वहां के राज्यपाल कर रहे हैं। विगत 07 वर्षां में यहां हुए कार्य भारत के विकास की प्रतिकृति हैं। देश का विकास इन्हीं मूल्यां और आदर्शां पर हुआ है। भारत पर्व इसी का उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत पर्व प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विजन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने सदैव से देश को एक राह दिखाई है। उत्तर प्रदेश की धरा से लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण इस पावन धरा पर आये थे और द्वारकाधीश के रूप में धर्म की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया था। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने इसी धरा से आर्य समाज के एक बड़े आन्दोलन को आगे बढ़ाने का कार्य प्रारम्भ किया था। इसके अन्तर्गत किसी कालखण्ड में किन्हीं कारणों से अगर कोई व्यक्ति अपने मूल समाज से हट गया था, तो शुद्धि का कार्यक्रम चलाकर उसे वापस लाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात की धरा से ही निकलकर आजादी के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया था। स्वतंत्र भारत में हमें कैसा भारत चाहिए, इसके लिए अखण्ड भारत के शिल्पी लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की भी यह पावन धरा है। गुजरात भगवान सोमनाथ, भगवान नागेश्वर नाथ की पावन धरा भी है। यह भारत की आध्यात्मिक विरासत की भूमि और देश के स्वाधीनता आन्दोलन को स्वदेशी से स्वावलम्बन की ओर अग्रसर करने की पावन धरा भी है। यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें आज यहां उत्तर प्रदेश की ओर से दूसरी बार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वर्ष 2018 में उन्हें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजनरी नेतृत्व में भारत अपनी विरासत और अपने महापुरुषों के गौरवशाली विराट व्यक्तित्व को सम्मान दे रहा है। प्रधानमंत्री ने देश में विरासत, विकास और गरीब कल्याण की परम्परा को आगे बढ़ाया है। यह कार्य भावी पीढ़ी के लिए नई प्रेरणा बने हैं। प्रधानमंत्री जी ने देश को विकसित भारत के रूप में स्थापित करने का विजन दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री काशी से देश की संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का भव्य स्वरूप बनने के बाद 11 से 12 करोड़ श्रद्धालु प्रतिवर्ष अविनाशी काशी में आ रहे हैं। आज से 11 वर्ष पूर्व कोई नहीं सोचता था कि अयोध्याधाम में भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर बन पाएगा। इसके लिए 500 वर्षां से निरन्तर आन्दोलन चल रहा था। कई पीढ़ियां इस आशा में ही चली गयीं। प्रधानमंत्री ने एक असम्भव कार्य को सम्भव करके दिखाया और अयोध्या में भव्य श्रीराम मन्दिर का निर्माण हो गया। अयोध्या दुनिया की सुन्दरतम नगरी बनने की ओर अग्रसर है। वर्तमान में अयोध्या में 06 से 08 करोड़ श्रद्धालु प्रति वर्ष दर्शन करने के लिए आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उस समय जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम भारत गणराज्य में शामिल होने में आनाकानी कर रहे थे। लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल की दृढ़ता से इन्हें भी भारत गणराज्य का हिस्सा बनाया गया था। नया भारत देश की सुरक्षा, सम्प्रभुता और अखण्डता के साथ कोई समझौता नहीं करता है। जो भी भारत की सुरक्षा में सेंध लगाएगा, वह उसकी कीमत भी चुकाएगा। विगत 11 वर्षां में हमने इसके उदाहरण देखे हैं।

इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनायक, गुजरात के वन एवं पर्यावरण मंत्री अर्जुनभाई देवाभाई मोढ़वाडिया, उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह तथा अन्य गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को समर्पित एवं ‘देखो अपना देश’ की पहल के अन्तर्गत ‘भारत पर्व 2025’ (01 से 15 नवम्बर, 2025) में उत्तर प्रदेश की विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति की गई है। इसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति, लोक कला, संगीत तथा पारम्परिक व्यंजनों का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, ब्रज की रसधारा, अवध की विरासत, बुन्देलखण्ड की वीरता और पूर्वांचल की लोकधुनों पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की गयीं। भारत दर्शन पैवेलियन में विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों तथा सांस्कृतिक विशेषताओं का प्रदर्शन किया गया है। इसमें भारत की विविधतापूर्ण एवं नवीन हस्तकला प्रदर्शित करते हुए 55 क्राफ्ट स्टॉल लगाये गये हैं।

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