CM योगी ने पुलिस शहीद स्मारक स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्तव्य पथ पर प्राणोत्सर्ग करने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस बल के वीर शहीदों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आज हम सभी देश के समस्त शहीद पुलिसजन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये एकत्रित हुए हैं, जिन्होंने समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए प्राणों का बलिदान देकर अप्रतिम कर्तव्यपरायणता का परिचय दिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश पुलिस के सभी सदस्य पूरी ईमानदारी, कर्तव्य परायणता तथा जनसेवा की भावना से कार्य करते हुए, राज्य की जनता के मन में सुरक्षा की भावना को और अधिक सुदृढ़ करने का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
मुख्यमंत्री ने रिजर्व पुलिस लाइन्स में ‘पुलिस स्मृति दिवस-2025’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पुलिस शहीद स्मारक स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी तथा शहीद पुलिस कर्मियों के स्वजनों से भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने स्मृति परेड की सलामी ली तथा शोक पुस्तिका प्राप्त की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों में उत्तर प्रदेश पुलिस के भी 03 बहादुर पुलिसकर्मी शामिल हैं। पुलिस कर्मियों का यह सर्वोच्च बलिदान हमें निरन्तर कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा, मनोयोग एवं दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिसजन के परिजनों को आश्वस्त करते हुए कहा कि हमारी सरकार उनके कल्याण तथा सुख-सुविधाओं के लिये पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी जरूरी कदम उठाने के लिये हमेशा तत्पर रही है और आगे भी रहेगी। प्रदेश सरकार द्वारा कर्तव्य पालन के दौरान शहीद पुलिस कर्मियों, केन्द्रीय अर्द्धसैन्य बलों/अन्य प्रदेशों के अर्द्धसैन्य बलों तथा भारतीय सेना में कार्यरत एवं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले 96 शहीद कर्मियों के आश्रितों को 30 करोड़ 70 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल के सदस्यों ने अत्यन्त चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मानकर अपराधों पर नियंत्रण करने, कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने, सामाजिक सौहार्द स्थापित करने एवं विशेषकर बालिकाओं तथा महिलाओं की सुरक्षा करने में सराहनीय भूमिका निभाई है। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के भव्य आयोजन की सफलता में उत्तर प्रदेश पुलिस, केन्द्रीय सुरक्षा बल एवं अन्य सुरक्षा बलों व प्रशासन ने अभूतपूर्व समर्पण और अनुशासन का परिचय देते हुए सुरक्षा और सुव्यवस्था के उत्कृष्ट मानक स्थापित किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के जनपद/इकाइयों में नियुक्त पुलिस कर्मियों की सुख-सुविधा हेतु 03 करोड़ 50 लाख रुपये एवं कल्याण हेतु 08 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस, पी0ए0सी0 वाहिनियों एवं इकाइयों में सेवानिवृत्त अथवा मृत पुलिस कर्मियों के 90 प्रतिशत जी0पी0एफ0 के कुल 2,511 प्रकरणों में भुगतानादेश निर्गत किया गया। उत्तर प्रदेश सामान्य भविष्य निधि नियमावली-1985 के अधीन पुलिस मुख्यालय संवर्ग के 108 पुलिस कर्मियों को जी0पी0एफ0 से अग्रिम धनराशि की
स्वीकृति प्रदान की गयी। पुलिस कर्मियों के 234 मेधावी बच्चों को उत्तर प्रदेश पुलिस शिक्षा निधि के अन्तर्गत 51 लाख 10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मुख्यालय में सेवानिवृत्त/नियुक्त/सम्बद्ध पुलिस कर्मियों एवं उनके आश्रितों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति सम्बन्धी 432 दावों का निस्तारण कर 01 करोड़ 12 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। 05 लाख रुपये से अधिक के चिकित्सा प्रतिपूर्ति सम्बन्धी 519 प्रकरणों में शासन व विभागाध्यक्ष के माध्यम से 11 करोड़ 85 लाख रुपये का भुगतानादेश निर्गत किया गया। पुलिस कर्मियों एवं उनके आश्रितों की गम्भीर बीमारियों के उपचार हेतु 170 पुलिस कर्मियों को जीवन रक्षक निधि के अन्तर्गत 06 करोड़ 64 लाख रुपये तात्कालिक रूप से अग्रिम ऋण के रूप में स्वीकृत किये गये।
जीवन बीमा योजना के अन्तर्गत बीमित 374 मृतक पुलिस कर्मियों के आश्रितों को 11 करोड़ 86 लाख रुपये की बीमा धनराशि का भुगतान किया गया। बैंक आफ बड़ौदा से प्रचलित बड़ौदा पुलिस सैलरी पैकेज एवं भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दिये जा रहे पुलिस सैलरी पैकेज के अन्तर्गत 124 मृतक पुलिस कर्मियों के आश्रितों को कुल 67 करोड़ 76 लाख रुपये का भुगतान कराया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्तव्यों के प्रति समर्पित पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए गणतंत्र दिवस-2025 एवं स्वतंत्रता दिवस-2025 के अवसर पर उत्साहवर्धन हेतु 34 पुलिस कर्मियों को राष्ट्रपति का ‘वीरता पदक’, 11 पुलिस कर्मियों को महामहिम राष्ट्रपति जी का ‘विशिष्ट सेवा पदक’ एवं 145 पुलिस कर्मियों को ‘सराहनीय सेवा के लिए पदक’ प्रदान किया गया। गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 763 अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘अति उत्कृष्ट सेवा पदक’ तथा 486 अधिकारियों/ कर्मचारियों को ‘उत्कृष्ट सेवा पदक’ प्रदान किए गये है। 03 राजपत्रित/अराजपत्रित कर्मियों को ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक’ प्रदान किए गए।
पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा 90 अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को ‘उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह’ एवं 404 अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को ‘सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह’ प्रदान किये गये। पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश का प्रशंसा चिन्ह ‘डी0जी0 कमेण्डेशन डिस्क’ 33 प्लेटिनम, 115 गोल्ड तथा 789 सिल्वर राजपत्रित/अराजपत्रित पुलिस कार्मिकों को प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ कर जनमानस में सुरक्षा की भावना बलवती करना एवं अपराधियों में कानून का भय पैदा करना हमारी सरकार की प्रमुख नीति है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश पुलिस के मनोबल, कार्यकुशलता एवं व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाने, पुलिस बल को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। वर्ष 2017 में राज्य सरकार के गठन के बाद से पुलिस विभाग के विभिन्न पदों पर 02 लाख 19 हजार से अधिक भर्ती की गयी, जिसमें 34 हजार से अधिक महिला कार्मिक सम्मिलित हैं।
पुलिस विभाग के अराजपत्रित स्तर के विभिन्न पदों पर कुल 01 लाख 52 हजार 328 कार्मिकों को पदोन्नति प्रदान की गई है। वर्तमान में 28 हजार 154 पदों पर भर्ती प्रकिया तथा 02 हजार 391 पदों पर पदोन्नति प्रकिया प्रचलित है। उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 60 हजार 244 नवनियुक्त पुलिस कर्मियों का इस बार हाइब्रिड माॅडल में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण मंे शारीरिक क्षमता और कानून की जानकारी के साथ ही तकनीकी दक्षता, साइबर अपराध की जांच, संवेदनशील संवाद, ए0आई0 आधारित माॅड्यूल और सिमुलेशन अभ्यास सम्मिलित है। यह सिर्फ प्रशिक्षण का आधुनिकीकरण ही नहीं, बल्कि ‘नई पीढ़ी की नई पुलिस’ तैयार करने का सशक्त कदम है, जिससे जमीन, तकनीक और संवेदना तीनों समान रूप से मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि के लिए कई कदम उठाए गये हैं। इसके अन्तर्गत पुलिस के विभिन्न श्रेणी के कुल 31 हजार 968 पदों का सृजन स्वीकृत किया गया है। विभिन्न जनपदों में 130 थानों, 07 महिला थानों, 90 पुलिस चैकियों सहित जनपद अयोध्या, मीरजापुर, चन्दौली तथा सिद्धार्थनगर में 04 जल पुलिस चैकियों की स्वीकृति प्रदान की गयी। 75 जनपदों में 78 महिला पुलिस चैकी परामर्श केन्द्र, प्रत्येक जनपद में एक-एक विद्युत निरोधक पुलिस थाना स्वीकृत किया गया। 10 सतर्कता अधिष्ठान थानों, 04 आर्थिक अपराध इकाई पुलिस थानों, 40 एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थानों, 75 साइबर क्राइम थानों, 06 एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स थानों, परिक्षेत्र स्तर पर 08 भ्रष्टाचार निवारण संगठन की यूनिट की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की गयी है।
भ्रष्टाचार निवारण संगठन की 18 मण्डल स्तर पर अधिष्ठापित इकाइयों को थानों के रूप में अधिसूचित किये जाने एवं प्रदेश के प्रत्येक थाने में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की गयी। लखनऊ, बदायूं तथा गोरखपुर में पी0ए0सी0 महिला वाहिनी एवं प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ, मथुरा, सहारनपुर और अयोध्या में यू0पी0 एस0एस0एफ0 की स्थापना की गई है। राज्य विशेष अनुसंधान दल उत्तर प्रदेश को आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा उत्तर प्रदेश में संविलीन की स्वीकृति के साथ-साथ अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (सी0बी0सी0आई0डी0) का नाम परिवर्तित कर अपराध अनुसंधान विभाग (सी0आई0डी0) किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
वर्ष 2026 और उसके बाद के वर्षों में सेवा से बाहर आने वाले पूर्व अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी, पी0ए0सी आरक्षी, घुड़सवार एवं फायर मैन की सीधी भर्ती में भूतपूर्व सैनिक की तरह अग्निवीर के रूप में सेवा की अवधि को घटाते हुए अधिकतम आयु सीमा में 03 वर्ष की छूट प्रदान करते हुए 20 प्रतिशत पदों पर क्षैतिज प्रकृति के आरक्षण की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टाॅलरेंस की नीति है। प्रदेश में सुदृढ़ एवं त्रुटिरहित सुरक्षा प्रबन्ध के फलस्वरूप समस्त महत्वपूर्ण त्योहार, मेले, जुलूस, अतिविशिष्ट महानुभावों की यात्राएं, राजनैतिक रैलियां, प्रदर्शन आदि शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए। विभिन्न जनपदों में दुर्दान्त अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही के दौरान 20 मार्च, 2017 से 18 अक्टूबर, 2025 तक 15,000 से अधिक मुठभेड़ों में कुल 257 अपराधी मुठभेड़ में मारे गये एवं 10,000 से अधिक घायल हुए। इन कार्यवाहियों में पुलिस बल के 18 जवान अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करते हुये वीरगति को प्राप्त हुए तथा 1,745 पुलिस कर्मी घायल हुये।
20 मार्च, 2017 से 21 सितम्बर, 2025 तक गैंगस्टर अधिनियम में 26,920 एवं एन0एस0ए0 में 961 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई तथा कुल 14,467 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सम्पत्ति के जब्तीकरण की कार्यवाही की गयी। प्रदेश स्तर पर चिन्हित 68 माफियाओं के विरुद्ध बिना किसी भेदभाव के निष्पक्षतापूर्वक व्यापक स्तर पर प्रभावी कार्यवाही की गयी। चिन्हित माफिया के गैंग के करीब 1,451 सदस्यों/सहयोगियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुये 845 अभियोग पंजीकृत कर 627 से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें 274 के विरुद्ध गुण्डा एक्ट, 775 के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट व 18 के विरुद्ध एन0एस0ए0 की कार्यवाही की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपरेशन कनविक्शन के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अब तक 34 कुख्यात माफिया और उनके 91 सहयोगी दोषी सिद्ध हो चुके हैं, जिनमें से 2 को मृत्युदण्ड मिला है। मिशन मोड में संचालित ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के अन्तर्गत जुलाई 2023 से 21 जुलाई 2025 तक 01 लाख से अधिक अभियुक्तों को दोषसिद्ध कराया गया है। मा0 न्यायालय में सघन पैरवी करते हुए 69 अभियुक्तों को मृत्युदंड और 8,501 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई है। यह आँकड़े प्रमाणित करते हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर मजबूती से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण हेतु ‘महिला सुरक्षा हेतु विशेष दल’ का गठन कर अनवरत अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में 01 अप्रैल, 2022 से 27 सितम्बर, 2025 तक 01 करोड़ से अधिक स्थानों पर चेकिंग करते हुए 04 करोड़ से अधिक व्यक्तियों की चेकिंग की गयी। 25 हजार से अधिक अभियोग पंजीकृत कर 33 हजार 961 व्यक्तियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की गयी। फुट पेट्रोलिंग के दौरान 31 मई, 2017 से 27 सितम्बर, 2025 तक 02 करोड़ 85 लाख से अधिक स्थानों पर 08 करोड़ 70 लाख से अधिक व्यक्तियों की चेकिंग की गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का ‘मिशन शक्ति’ कार्यक्रम नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन को व्यक्त करता है। मिशन शक्ति केन्द्र की स्थापना, मिशन शक्ति के पांचवें चरण का प्रमुख नवाचार है। 360 डिग्री माॅडल पर आधारित मिशन शक्ति केन्द्र महिला सुरक्षा की अवधारणा को व्यापक बनाता है। मिशन शक्ति केन्द्र एकल सम्पर्क बिन्दु के तौर पर महिला शिकायतकर्ताओं को प्रारम्भ से लेकर न्याय की प्रक्रिया पूरी होने तक कानूनी, मानसिक और सामाजिक सहयोग प्रदान करेगा। पिछले चार चरणों में ‘मिशन शक्ति’ ने उल्लेखनीय सफलताएँ हासिल की हैं। प्रदेश के प्रत्येक थाने पर महिला बीट आरक्षी एवं महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है। सभी जनपदों में 19 हजार 839 महिला पुलिस कार्मिकों को नियुक्त करते हुये 9 हजार 172 महिला बीटों का आवंटन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में जहां डिजिटल क्रांति ने हमारे जीवन को सुगम बनाया है, वहीं साइबर अपराध जैसी चुनौतियां हमारे सामने आयी है। पुलिस बल ने साइबर अपराध के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही के लिए ठोस कदम उठाए हैं। लखनऊ में उन्नत एनालिटिक्स से लैस एक समर्पित ‘1930’ हेल्पलाइन सेंटर स्थापित किया गया है। इससे हमारी कॉल-हैंडलिंग क्षमता लगभग 40,000 कॉल प्रति माह से बढ़कर 01 लाख 60 हजार से अधिक कॉल प्रति माह हो गई है। ‘1930’ केन्द्र पर पुलिस, बैंक और टेलीकॉम विभाग के एकीकृत समन्वय हेतु साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर की स्थापना प्रक्रिया पूर्णता की ओर है।
बैंकिंग सिस्टम में फ्रीज़ होने वाली राशि जुलाई, 2025 में 26 करोड़ 70 लाख रुपये थी, जो सितम्बर, 2025 में बढ़कर 39 करोड़ 40 लाख रुपये हो गयी। 01 जून से 15 अगस्त 2025 के बीच, थानों की साइबर टीमों ने नागरिकों के 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को बचाने में सफलता दर्ज की, जो तेज समन्वय और गोल्डन टाइम-फ्रेम के भीतर कार्यवाही की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विभिन्न कम्पनियों के सहयोग से 01 जनवरी, 2023 से 10 अक्टूबर, 2025 के दौरान आत्महत्या सम्बन्धी पोस्ट पर प्राप्त अलर्ट का संज्ञान लेकर कुल 01 हजार 460 व्यक्तियों की प्राणों की रक्षा की जा चुकी है।
प्रदेश में अवैध ड्रग्स/मादक पदार्थों के विरुद्ध 01 जनवरी, 2022 से 21 सितम्बर, 2025 तक, विशेष अभियान के अन्तर्गत 39 हजार 427 संदिग्धों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी। अभियान अवधि में 32 हजार 699 अभियोग पंजीकृत किये गये तथा 3095 करोड़ 17 लाख 20 हजार 904 रुपये की अनुमानित बरामदगी हुई है। प्रभावी पैरवी कर 04 हजार 768 प्रकरणों में सजा दिलायी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में 40 हजार 661 करोड़ 87 लाख रुपये का बजट प्राविधान किया गया है, जो विगत वित्तीय वर्ष 2024-25 के सापेक्ष 04 प्रतिशत अधिक है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मोटर गाड़ियों के क्रय के लिए 477 करोड़ 45 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है, जो विगत वर्ष की अपेक्षा 32 प्रतिशत अधिक है। डायल-112 हेतु वाहनों की खरीद के लिए 210 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। मशीने और सज्जा/उपकरण और संयंत्रों के लिए 702 करोड़ 55 लाख रुपये, पुलिस बल के आधुनिकीकरण योजना हेतु 53 करोड़ 88 लाख रुपये की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में भवन निर्माण में अब तक 317 निर्माण कार्यों के लिए 963 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग 633 करोड़ रुपये कुल लागत के 140 निर्माण कार्य पूर्ण करते हुए हस्तगत किये जा चुके हैं। इसमें मुख्य रूप से पुलिस थाना, पुलिस चैकी, अग्निशमन केन्द्र, पुलिस लाइन्स में ट्रांजिट हास्टल, पी0ए0सी0 वाहिनी में बैरक तथा थाना हास्टल/बैरक आदि शामिल हैं।
कार्यक्रम को पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर मत्स्य मंत्री संजय निषाद, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख, श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।



