उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :-
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति अनुमोदित
 

मंत्रिपरिषद ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति को अनुमोदित कर दिया है।
कॉमन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,369 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2,389 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है, जिसमें गत वर्ष के सापेक्ष 69 रुपये प्रति कुन्तल की दर से 3 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत धान क्रय अवधि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 01 अक्टूबर, 2025 से 31 जनवरी, 2026 तक तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में 01 नवम्बर, 2025 से 28 फरवरी, 2026 तक निर्धारित है।
खाद्य विभाग की विपणन शाखा, उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (पी0सी0एफ0), उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पी0सी0यू0), उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यू0पी0एस0एस0), उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद एवं भारतीय खाद्य निगम, कुल 06 क्रय एजेन्सियों एवं 3,300 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 60 लाख मीट्रिक टन धान क्रय का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।
क्रय केन्द्र प्रातः 09 बजे से सायंकाल 05 बजे तक खुले रहेंगे। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा समय में परिवर्तन किया जा सकता है। रविवार एवं राजपत्रित अवकाश को छोड़कर, शेष कार्य दिवसों एवं स्थानीय अवकाश व द्वितीय शनिवार को क्रय केन्द्र खुले रहेंगे।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में सभी धान क्रय केन्द्रों पर नमी मापक यंत्र, इलेक्ट्रॉनिक कॉट व किसानों की सुविधाओं हेतु पूर्ण व्यवस्था की गयी है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत कृषकों से कॉमन व ग्रेड-ए किस्म के धान के साथ-साथ हाइब्रिड धान भी क्रय किया जा सकेगा।
कृषकों से धान खरीद कम्प्यूटराइज्ड सत्यापित खतौनी, आधार कार्ड के आधार पर की जायेगी। रेवेन्यू रिकॉर्ड के माध्यम से कृषकों द्वारा बोए गए रकबे का सत्यापन किया जायेगा। धान क्रय केन्द्र हेतु हैण्डलिंग एवं परिवहन ठेकेदारों की नियुक्ति सम्भागीय खाद्य नियंत्रक/सम्बन्धित क्रय एजेन्सी द्वारा नियमानुसार ई-टेण्डर के माध्यम से की जायेगी।
सभी क्रय एजेन्सियों द्वारा किसानों से क्रय धान के मूल्य का भुगतान भारत सरकार के पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से किसानों के बैंक खाता सत्यापन के पश्चात यथासम्भव 48 घण्टे के अन्दर उनके बैंक खाते में सुनिश्चित किया जायेगा।
मिलर द्वारा 15 दिनों के भीतर निर्दिष्ट डिपो में चावल का सम्प्रदान करने पर 35 रुपये प्रति कुन्तल एवं 16 से 25 दिनों के भीतर निर्दिष्ट डिपो में चावल का सम्प्रदान करने पर 30 रुपये प्रति कुन्तल की दर से प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गयी है।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में जी0पी0एस0 युक्त वाहनों के माध्यम से क्रय केन्द्रों से राइस मिलों को धान का प्रेषण कराया जायेगा तथा इसकी ट्रैकिंग की जाएगी। ई-उपार्जन पोर्टल का भारत सरकार के परिवहन विभाग के यू0एल0आई0पी0 पोर्टल से इण्टीग्रेशन किया गया है।

 

खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत मोटे अनाज (मक्का, बाजरा एवं ज्वार) क्रय नीति अनुमोदित
 

मंत्रिपरिषद ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत मोटे अनाज (मक्का, बाजरा एवं ज्वार) क्रय नीति को अनुमोदित कर दिया है।
वर्ष 2025-26 हेतु मोटे अनाजों के अन्तर्गत मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,400 रुपये प्रति कुन्तल, बाजरा का 2,775 रुपये प्रति कुन्तल, ज्वार (हाईब्रिड) का 3,699 रुपये प्रति कुन्तल एवं ज्वार (मालदाण्डी) का 3,749 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में मक्का, बाजरा एवं ज्वार क्रय की अवधि 01 अक्टूबर, 2025 से 31 दिसम्बर, 2025 तक होगी।
मक्का क्रय हेतु जनपद : बुलन्दशहर, बदायूँ, हरदोई, उन्नाव, मैनपुरी, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज, इटावा, गोण्डा, बहराइच, बलिया, जौनपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, देवरिया एवं ललितपुर (कुल 25 जनपदों) में की जाएगी।
बाजरा क्रय हेतु जनपद : बुलन्दशहर, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, हाथरस, एटा, बरेली, बदायूँ, शाहजहांपुर, सम्भल, रामपुर, अमरोहा, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज, इटावा, जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी, मिर्जापुर, बलिया, हरदोई एवं उन्नाव (कुल 33 जनपदों) में की जाएगी।
ज्वार क्रय हेतु जनपद : कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन, बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर, मिर्जापुर, उन्नाव एवं हरदोई (कुल 11 जनपदों) में की जाएगी।
उन क्षेत्रों में क्रय केन्द्र मुख्य रूप से स्थापित किये जायेंगे, जहाँ मक्का, बाजरा एवं ज्वार की अच्छी आवक होती है एवं खरीद की अच्छी सम्भावना हो। मक्का के 75 क्रय केन्द्र, बाजरा के 300 क्रय केन्द्र एवं ज्वार के 80 क्रय केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित है। क्रय केन्द्र खुलने का समय प्रातः 09 बजे से सायंकाल 05 बजे तक होगा। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जिलाधिकारी जनपद में क्रय केन्द्र के खुलने व बन्द होने के समय में आवश्यक परिवर्तन कर सकेंगे। रविवार एवं राजपत्रित अवकाश को छोड़कर शेष कार्य दिवसों एवं स्थानीय अवकाश व द्वितीय शनिवार को क्रय केन्द्र खुले रहेंगे।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 हेतु प्रदेश में मक्का क्रय का 15 हजार मीट्रिक टन, बाजरा क्रय का 2.20 लाख मीट्रिक टन एवं ज्वार क्रय का 50 हजार मीट्रिक टन कार्यकारी लक्ष्य प्रस्तावित है।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में मक्का, बाजरा एवं ज्वार क्रय हेतु नामित एजेन्सी, एन0आई0सी0 द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन मक्का, बाजरा एवं ज्वार क्रय की प्रक्रिया को अपनाएंगे। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में क्रय केन्द्रों पर किसानों से मक्का, बाजरा एवं ज्वार खरीद कम्प्यूटराइज्ड सत्यापित खतौनी, फोटोयुक्त पहचान प्रमाण पत्र तथा आधार कार्ड के आधार पर की जाएगी।
मक्का बाजरा एवं ज्वार विक्रय से पूर्व कृषक पंजीयन की अनिवार्यता रखी गयी है तथा कृषकों की उपज का राजस्व विभाग से सत्यापन कराया जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में मक्का, बाजरा एवं ज्वार क्रय के लिए हैण्डलिंग एवं परिवहन ठेकेदारों की नियुक्ति सम्भागीय खाद्य नियंत्रक/सम्बन्धित क्रय एजेन्सी द्वारा नियमानुसार ई-टेण्डर के माध्यम से की जाएगी।
क्रय एजेन्सियों द्वारा किसानों से क्रय किये गये मक्का, बाजरा एवं ज्वार के मूल्य का भुगतान उनके आधारलिंक व एन0पी0सी0आई0 से मैप्ड बैंक खाते में भारत सरकार के पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से किसानों के बैंक खाता सत्यापन के पश्चात यथासम्भव 48 घण्टे के अन्तर्गत उनके बैंक खाते में सुनिश्चित कराया जाएगा।
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में खाद्य तथा रसद विभाग की वेबसाइट ूूण्बिण्नचण्हवअण्पद पर ऑनलाइन पंजीकृत किसानों से क्रय केन्द्र पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइण्ट ऑफ परचेज मशीन (ई-पॉप) के माध्यम से उनका बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण करते हुए मक्का, बाजरा एवं ज्वार की खरीद की जाएगी।

 

प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में 02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर रिफिल वितरित किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
 

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में 02 निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलेण्डर रिफिल वितरित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से आच्छादित लाभार्थियों का जीवन-यापन सुविधाजनक होगा।
योजना के लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम चरण में माह अक्टूबर से दिसम्बर, 2025 तक तथा द्वितीय चरण में जनवरी से मार्च, 2026 तक निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल प्रदान किया जाएगा। निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल वितरण से राज्य सरकार पर चालू वित्तीय वर्ष में 1385.34 करोड़ रुपये का व्यय भार अनुमानित है।
ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना समाज के अन्तिम पायदान पर खड़ी महिलाओं के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाते हुए उन्हें धुएँ से होने वाली बीमारियों से मुक्ति दिलाने का त्वरित माध्यम बनी है। इस योजना से लाभार्थियों को स्वच्छ रसोई ईंधन की उपलब्धता के साथ ही, उनका जीवन स्तर सुविधाजनक हुआ है। योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाते हुए उनके स्वास्थ्य की रक्षा करना है।

 

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे तक लिंक एक्सप्रेस-वे वाया फर्रुखाबाद हेतु प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे तक लिंक एक्सप्रेस-वे वाया फर्रुखाबाद हेतु प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण इन्जीनियरिंग प्रोक्योरमेन्ट एवं कन्स्ट्रक्शन (ई0पी0सी0) पद्धति पर 06 लेन (08-लेन विस्तारणीय) चौड़ाई में किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया  है। एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे (चैनेज 133+800), कुदरैल (इटावा) से प्रारम्भ होकर गंगा एक्सप्रेस-वे के चैनेज 282+845, सवाइजपुर (हरदोई) पर समाप्त होगा। एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लम्बाई 90+838 कि0मी0 एवं लागत 7488.74 करोड़ रुपये है।
इस निर्माण कार्य में केन्द्र सरकार द्वारा किसी प्रकार की भागीदारी अपेक्षित/प्रस्तावित नहीं है। निर्णयोपरान्त यथाशीघ्र ई0पी0सी0 पद्धति पर निविदा के माध्यम से निर्माणकर्ता संस्था का चयन की प्रक्रिया करते हुए निर्माण कार्य हेतु 548 दिवस एवं निर्माण कार्य समाप्ति के उपरान्त 05 वर्षों तक अनुरक्षण कार्य कराया जाएगा।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण के उपरान्त संचालित हैं। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के चैनेज 133+800 पर मिल कर समाप्त होती है। गंगा एक्सप्रेस-वे (मेरठ से प्रयागराज) निर्माणाधीन है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के मिलान बिन्दु कुदरैल (जनपद-इटावा) से गंगा एक्सप्रेस-वे को वाया फर्रुखाबाद ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेस-वे के माध्यम से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। प्रस्तावित संरेखण एक प्रकार से बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को गंगा एक्सप्रेस-वे तक उत्तर दक्षिण दिशा में विस्तारित करेगा। साथ ही गंगा एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे तीनों एक्सप्रेस-वे को आपस में लिंक कर एक्सप्रेसवे की एक ग्रिड बनेगी।
जनपद फर्रुखाबाद में ही बौद्ध तीर्थ स्थल संकिसा विद्यमान है। जैन धर्म के अनुयायी भी इसे अपना तीर्थ स्थल मानते हैं। इस धार्मिक स्थल पर श्रीलंका, बर्मा, इंडोनेशिया, जापान, चीन, सिंगापुर, थाईलैण्ड आदि देशों के आश्रम स्थापित हैं एवं प्रतिवर्ष यहां देश-विदेश के लाखों पर्यटकों का आगमन होता है। प्रस्तावित संरेखण से मात्र 7 कि0मी0 दूर होने के कारण एक द्रुतगति एक्सप्रेस-वे का निर्माण जनपद में धार्मिक पर्यटन को चहुमुखी गति प्रदान होना सुनिश्चित है।
जनपद फर्रुखाबाद जरदोजी एवं सिल्क छपाई के कार्य हेतु प्रसिद्ध है। देश के प्रमुख व्यवसायी केन्द्रों से सीधे सुलभ द्रुतगामी सम्पर्क मार्ग के अभाव में जनपद के इन व्यवसायों का श्थ्नसस च्वजमदजपंसश् बाधित है। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे देश एवं प्रदेश की राजधानियों को सीधा फर्रुखाबाद से जोड़ कर जनपद की व्यावसायिक क्षमता का सही अर्थों में दोहन सुनिश्चित करेगा। निर्णय से एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण के क्रियान्वयन से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 38 लाख मानव दिवस सृजित होना सम्भावित है।

 

मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत नये शहरों का समग्र एवं समुचित विकास किये जाने हेतु रामपुर, अयोध्या, लखनऊ, बागपत-बड़ौत- खेकड़ा विकास प्राधिकरण को धनराशि स्वीकृत करने एवं व्यय करने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत नये शहरों का समग्र एवं समुचित विकास किये जाने हेतु रामपुर, अयोध्या, लखनऊ, बागपत-बड़ौत-खेकड़ा विकास प्राधिकरण को धनराशि स्वीकृत करने एवं व्यय के प्रस्ताव को कतिपय शर्तां के साथ अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने इन परियोजनाओं में किसी संशोधन/परिमार्जन की आवश्यकता पर उसके लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 में धनराशि 3,000 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में उक्त प्राविधानित धनराशि 3,000 करोड़ रुपये के सापेक्ष रामपुर, लखनऊ, अयोध्या, बागपत खेकड़ा-बड़ौत-विकास प्राधिकरण की योजनाओं हेतु सीड कैपिटल के रूप में कुल धनराशि 1832.51 करोड़ रुपये स्वीकृत करते हुए प्रथम किश्त के रूप में कुल 970 करोड़ रुपये अवमुक्त किये जाने का प्रस्ताव है।
यह भी उल्लेखनीय है कि नगरीय क्षेत्रों में सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना लागू है। इस योजना के अन्तर्गत नये शहरों के समग्र एवं समुचित विकास हेतु शासनादेश दिनांक 06 अप्रैल, 2023 द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। योजना के अन्तर्गत भूमि अर्जन में आने वाले व्यय का 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए दिये जाने का प्राविधान है।

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दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न कारणों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य, अन्य पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग के वंचित छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के भुगतान हेतु पोर्टल खोलने तथा बजट व्यवस्था किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न कारणों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य, अन्य पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग के वंचित छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के भुगतान हेतु पोर्टल खोलने तथा बजट व्यवस्था किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न कारणों यथा-दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत शिक्षण संस्थान, विश्वविद्यालय, एफिलियेटिंग एजेन्सी, कल्याण सेक्टर के जनपदीय अधिकारियों के स्तर पर मास्टर डाटा लॉक न किये जाने, शिक्षण संस्थान स्तर पर आवेदन लम्बित रहने, विभिन्न पाठ्यक्रमों यथा-डी0एल0एड0 आदि का परीक्षा परिणाम विलम्ब से घोषित किये जाने, पी0एफ0एम0एस0 से सम्बन्धित प्रकरण यथा ट्रांजेक्शन फेल व बजट अभाव आदि के कारण समस्त वर्गों के कतिपय छात्रों को धनराशि भुगतान नहीं हुई।
चूंकि सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं की नियमावली में देयता अगले वित्तीय वर्ष में अग्रेनीत न किये जाने का प्राविधान है तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं इन कारणों से छात्रवृत्ति से वंचित हैं। अतः इन उल्लिखित कारणों से वंचित समस्त वर्गों के पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने के उद्देश्य से स्पेशल केस मानते हुए एक बार पोर्टल खोलने तथा चालू वित्तीय वर्ष के बजट से व्यय की अनुमति दिये जाने तथा चालू वर्ष के बजट में व्यय की अनुमति के उपरान्त कम हुई धनराशि की व्यवस्था अनुपूरक बजट के माध्यम से किये जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।

 

संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना से सम्बन्धित दिशा-निर्देश अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों को अनुमोदित कर दिया है। इस योजना के अन्तर्गत राज्य के प्रमुख स्थानों पर एकीकृत वस्त्र एवं परिधान पार्क राज्य सरकार के स्वामित्व वाली भूमि पर स्थापित किए जाएंगे। पार्क के अन्य सुविधाओं के अन्तर्गत आधुनिक प्लग-एण्ड-प्ले बुनियादी ढांचा भी विकसित किया जाएगा, जिससे परिधान की इकाइयां कम लागत एवं कम समय में स्थापित की जा सके।
ज्ञातव्य है कि भारत सरकार ने विकसित भारत की परिकल्पना के तहत, वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र में वर्ष 2030 तक 26.61 लाख करोड़ रुपये (350 बिलियन यू0एस0 डॉलर) के बाजार आकार (मार्केट साइज) और 8.46 लाख करोड़ रुपये (100 बिलियन यू0एस0 डॉलर) के निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश के कुल निर्यात में वस्त्र उद्योग का योगदान लगभग 10 प्रतिशत है। प्रदेश में नोएडा एवं कानपुर वस्त्र क्षेत्र के महत्वपूर्ण केन्द्र हैं। वस्त्र एवं परिधान उद्योग उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा वस्त्र उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वस्त्र नीति-2014, 2017 एवं 2022 लागू की गयी है। वस्त्र नीति-2017 के अन्तर्गत राज्य सरकार को लगभग 2,000 करोड़ रुपये के 219 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनमें से 80 निवेशकों को निवेश को उपरान्त, वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ होने पर कुल धनराशि 210 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया। इसी प्रकार वस्त्र नीति-2022 के सुगम प्राविधानों के दृष्टिगत बड़े पैमाने पर निवेशों द्वारा रुचि दिखायी गयी है। वस्त्र नीति-2022 के अन्तर्गत अभी तक लगभग धनराशि 6,000 करोड़ रुपये के कुल 225 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो कि पूर्व नीति के सापेक्ष तीन गुना अधिक निवेश को दर्शाता है।
राज्य में बढ़े हुए निवेश और उद्योगों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये वस्त्र एवं परिधान उद्योग को सुविकसित भूमि एवं आधारभूत ढांचे की प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर उपलब्धता की आवश्यकता है। वस्त्र क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकताओं एवं वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप, उत्तर प्रदेश के टेक्सटाइल एवं अपैरल क्षेत्र में परिवर्तन एवं सुधार लाने के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना’ प्रारम्भ की जा रही है। योजनान्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाली भूमि पर एकीकृत टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क की स्थापना की जायेगी। इस योजना के माध्यम से अत्याधुनिक अवसंरचना से सुसज्जित वस्त्र एवं अपैरल पार्कों के निर्माण को सुविधाजनक बनाया जायेगा, जिससे इन पार्कों में स्थापित होने वाले वस्त्र उद्योगों को वैश्विक स्तर पर मजबूत व्यापारिक पारिस्थितिक तंत्र उपलब्ध होगा, फलस्वरूप प्रदेश के वस्त्र उद्योग वैश्विक प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होकर वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकेंगे।
‘संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना’ का उद्देश्य वस्त्र उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर भूमि उपलब्ध कराना, वस्त्र विनिर्माण संक्रियाओं को तीव्र गति से प्रारम्भ करने के लिए वस्त्र उद्योगों को रेडीमेड प्लग एण्ड प्ले सुविधा उपलब्ध कराना,  एकीकृत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना, प्रदेश की वस्त्र इकाईयों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि करना तथा रोजगार सृजन करना है।
योजना के संचालन की अवधि 05 वर्ष की होगी, जिस पर 250 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय भार आएगा। योजना के अन्तर्गत विकसित होने वाले पार्क के भीतर स्थापित होने वाली वस्त्र इकाइयों को वह समस्त वित्तीय सुविधाएं देय होंगी और जो उत्तर प्रदेश टैक्सटाइल्स गार्मेटिंग पॉलिसी-2022 के अन्तर्गत वस्त्र इकाइयों को अनुमन्य होंगी।
योजना के तहत पार्क का विकास न्यूनतम 50 एकड़ भूमि क्षेत्र पर करना होगा। 50 एकड़ से छोटे भूमि भूखण्डों पर पार्कों के लिए प्रस्तावों को उच्च स्तरीय सशक्त समिति (हाई लेवल इम्पावर्ड कमेटी) से अनुमोदन की आवश्यकता होगी। पार्क में न्यूनतम 10 इकाइयाँ स्थापित होंगी और किसी भी एकल इकाई को कुल उपलब्ध औद्योगिक भूमि क्षेत्र के 40 प्रतिशत से अधिक भूमि आवंटित नहीं की जायेगी। पार्क में वस्व उद्योगों से सम्बन्धित उद्योगों, जैसे बटन निर्माण, जिपर निर्माण, फास्टनर एवं क्लोजर, ट्रिम्स, लेबल एवं टैग उत्पादन, साथ ही साथ गत्ते एवं पैकेजिंग उद्योग, गोदाम तथा अन्य सम्बद्ध उद्योगों की स्थापना की जायेगी। इन सम्बद्ध उद्योगों की स्थापना एवं पार्कों के चरणबद्ध विकास के लिए परियोजना अनुमोदन समिति से स्वीकृति प्राप्त की जानी होगी।
योजना के कार्यान्वयन के लिए ‘उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 के तहत एक नोडल एजेन्सी की स्थापना की जायेगी, जिसका नाम उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल एवं अपैरल औद्योगिक विकास प्राधिकरण होगा। नोडल एजेंसी पार्क के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान करेगी, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार का सम्बन्धित विभाग, जिसके नाम भूमि का मालिकाना हक होगा, नोडल एजेंसी को 99 वर्षों की अवधि के लिए प्रति एकड़ एक रुपये की वार्षिक पट्टे की दर पर वांछित प्रक्रिया का अनुपालन करते हुये स्थानांतरित करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार इस प्राधिकरण को भूमि स्थानांतरण के लिए लागू स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क से भी 100 प्रतिशत छूट प्रदान करेगी।
नोडल एजेन्सी द्वारा एक परियोजना प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, जिसमें परियोजना एक फीजिबिलटी स्टडी शामिल होगी। परियोजना अनुमोदन समिति द्वारा प्रस्ताव का मूल्यांकन किया जायेगा तथा परियोजना के कार्यान्वयन हेतु निम्नलिखित कार्यान्वयन के दो विकल्पों (1) सार्वजनिक निजी भागीदारी (पी0पी0पी0) मॉडल पर पार्क का विकास तथा (2) नोडल एजेन्सी द्वारा सीधे पार्क का विकास, में से किसी एक विकल्प का निर्धारण किया जाएगा।
परियोजना अनुमोदन समिति का गठन अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग की अध्यक्षता में किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव वित्त अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी, प्रमुख सचिव न्याय अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी तथा अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव नियोजन अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी समिति के सदस्य एवं आयुक्त एवं निदेशक हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग सदस्य समन्वयक होंगे।
हाई लेवल इम्पॉवर्ड कमेटी का गठन अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग सदस्य समन्वयक तथा अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव न्याय एवं अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव नियोजन सदस्य होंगे। यह कमेटी परियोजना अनुमोदन समिति द्वारा अनुसंसित परियोजनाओं को स्वीकृत प्रदान करने के साथ ही समय-समय पर प्रस्तावित एवं क्रियान्वित परियोजनाओं की समीक्षा करेगी।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा परियोजनाओं की प्रगति का अनुश्रवण किया जाएगा। योजना के कार्यान्वयन हेतु तकनीकी सहायता प्राप्त करने के लिए हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग/नोडल एजेन्सी द्वारा परियोजना प्रबन्धन एजेन्सी नियुक्त की जाएगी।

 

मे0 वामासुन्दरी इन्वेस्टमेण्ट्स (दिल्ली) प्रा0लि0 को सेमीकण्डक्टर परियोजना की स्थापना हेतु निर्गत लेटर ऑफ कम्फर्ट संशोधित किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सेमीकण्डक्टर नीति-2024 के अन्तर्गत मेसर्स वामासुन्दरी इन्वेस्टमेण्ट्स (दिल्ली) प्राइवेट लिमिटेड को सेमीकण्डक्टर परियोजना की स्थापना हेतु निर्गत लेटर ऑफ कम्फर्ट संशोधित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना संख्या- 142/78-1-2024-14/2024 दिनांक 19 जनवरी, 2024 द्वारा उत्तर प्रदेश सेमीकण्डक्टर नीति-2024 अधिसूचित की गई है। नीति के अन्तर्गत मेसर्स वामासुन्दरी इन्वेस्टमेण्ट्स (दिल्ली) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सेमीकण्डक्टर इकाई की स्थापना हेतु लगभग 3,706.12 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत है।
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा निवेशक की परियोजना हेतु स्थल परिवर्तन के फलस्वरूप निवेश द्वारा भूमि का प्रीमियम एवं स्टाम्प शुल्क एवं निबन्धन शुल्क पूर्व प्रचलन सेक्टर दर के आधार पर अनुमन्य किए जाने कथा लोकेशनल प्रीमियम एवं वन टाइम लीज रेण्ट को माफ किए जाने का अनुरोध किया गया है। अनुमानित अतिरिक्त व्यय भार तथा स्टाम्प शुल्क एवं निबन्धन शुल्क में सम्भावित शत-प्रतिशत वृद्धि तथा भूमि का प्रीमियम दर बढ़ने के कारण भूमि लागत में हुई वृद्धि, लोकेशनल प्रीमियम एवं वन टाइम लीज रेण्ट के मद में वांछित धनराशि का 75 प्रतिशत माफ किए जाने और तत्क्रम में शासनादेश दिनांक 07.11.2024 व लेटर ऑफ कम्फर्ट 19-11-2024 को संशोधित किए जाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया है।
इस निर्णय से प्रदेश में सेमीकण्डक्टर इकाई की स्थापना होगी। इससे भारत सेमीकण्डक्टर उत्पादों में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हो सकेगा। प्रस्तावित परियोजना से 780 व्यक्तियों हेतु प्रत्यक्ष तथा लगभग 3,000 व्यक्तियों हेतु अप्रत्यक्ष, इस प्रकार लगभग 3,780 व्यक्तियों हेतु रोजगार सृजित होगा।

 

निजी क्षेत्र के अन्तर्गत राधा गोविन्द विश्वविद्यालय, चन्दौसी, सम्भल की स्थापना के सम्बन्ध में
 

मंत्रिपरिषद ने निजी क्षेत्र के अन्तर्गत राधा गोविन्द विश्वविद्यालय, चन्दौसी, सम्भल, उत्तर प्रदेश का नाम उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 की धारा-7, उप धारा (2) के अन्तर्गत अधिनियम के संशोधन के माध्यम से उप धारा (3) में वर्णित अनुसूची-2 में उल्लिखित अन्तिम विश्वविद्यालय के नीचे अगले क्रमांक पर रखे जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
तद्नुसार उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 में संशोधन हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (पंचम संशोधन) अध्यादेश-2025 को प्रख्यापित किए जाने तथा उसके प्रतिस्थानी विधेयक के आलेख्य पर उच्च शिक्षा मंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर उसे राज्य विधान मण्डल में पुरःस्थापित/पारित कराए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
ज्ञातव्य है कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय की प्रायोजक संस्था सोनल एजुकेशनल सोसाइटी, सोनई, मथुरा द्वारा नगरीय क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम अकरौली एवं रसूलपुर कैली, तहसील चन्दौसी, जिला सम्भल में विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु कुल 22.05 एकड़ भूमि चिन्ह्ति की गई है। सम्यक् विचारोपरान्त प्रायोजक संस्था को 09 फरवरी, 2024 को आशय पत्र निर्गत किया गया है।
प्रस्तावित राधा गोविन्द विश्वविद्यालय, चन्दौसी, सम्भल, उत्तर प्रदेश की स्थापना किए जाने के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 में संशोधन किए जाने हेतु उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (पंचम संशोधन) अध्यादेश-2025 को प्रख्यापित कराए जाने एवं तत्पश्चात् संचालन प्राधिकार पत्र निर्गत किया जाना प्रस्तावित है।

उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 के अन्तर्गत गांधी विश्वविद्यालय, झांसी की स्थापना के सम्बन्ध में
 

मंत्रिपरिषद ने उच्चस्तरीय समिति द्वारा की गई संस्तुति के क्रम में गांधी विश्वविद्यालय, झांसी, उत्तर प्रदेश की स्थापना हेतु उसकी प्रायोजक संस्था संत माँ कर्मा मानव संवर्धन ट्रस्ट, झांसी को शर्त के अधीन आशय पत्र निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। यह विश्वविद्यालय झांसी विकास प्राधिकरण, झांसी के अन्तर्गत ग्राम अम्बाबाय एवं ग्राम रूद्र करौरी, तहसील व जनपद झांसी में 20.21 एकड़ भूमि में प्रस्तावित है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु शासन के उच्च शिक्षा विभाग में प्राप्त प्रस्ताव के परीक्षण के लिए कुलपति, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी की अध्यक्षता में मूल्यांकन समिति गठित की गई। उक्त समिति द्वारा शासन को प्रस्तुत की गई निरीक्षण आख्या पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की बैठक दिनांक 10 नवम्बर, 2023 में विचार-विमर्श किया गया।
उच्चस्तरीय समिति द्वारा प्रायोजक संस्था को 12.50 एकड़ से अधिक भूमि धारित किए जाने हेतु सक्षम प्राधिकारी की अनुमति तथा प्रस्तावित भूमि के मध्य बरसाती नाला पाए जाने के दृष्टिगत, उच्च शिक्षा विभाग की अधिसूचना दिनांक 10-11-2020 प्रस्तर-2 (ग) के प्राविधानों का पालन करने का शपथ-पत्र, अनुपालन आख्या के साथ, प्रस्तुत किए जाने की शर्त के अधीन उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय-2019 की धारा-6 के प्राविधानों के अन्तर्गत आशय पत्र निर्गत किए जाने की संस्तुति की गई। उच्चस्तरीय समिति की संस्तुति के क्रम में प्रस्तावित विश्वविद्यालय की प्रायोजक संस्था को आशय पत्र निर्गत किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है।

 

उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 के अन्तर्गत ठाकुर युगराज सिंह विश्वविद्यालय, फतेहपुर की स्थापना के सम्बन्ध में  
 

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 के अन्तर्गत ठाकुर युगराज सिंह विश्वविद्यालय, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश की प्रायोजक संस्था एंग्लो संस्कृत कॉलेज, फतेहपुर को उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना) नियमावली-2021 के परिशिष्ट-6 के प्रारूप पर शपथ पत्र, अनुपालन आख्या के साथ प्रस्तुत किए जाने की शर्त के अधीन आशय पत्र निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
ज्ञातव्य है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की बैठक दिनांक 20-5-2025 में ठाकुर युगराज सिंह विश्वविद्यालय, फतेहपुर की स्थापना हेतु उसकी प्रायोजक संस्था को आशय पत्र निर्गत किए जाने की संस्तुति की गई। इस  निजी विश्वविद्यालय की स्थापना नगर पालिका परिषद, फतेहपुर के अन्तर्गत ग्राम-कस्बा फतेहपुर दक्षिणी, तहसील सदर व जनपद फतेहपुर में 20.45 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित है।

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उ0प्र0 जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास (तृतीय संशोधन) नियमावली-2025 के प्रख्यापन का प्रस्ताव स्वीकृत
 

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास (तृतीय संशोधन) नियमावली-2025 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
ज्ञातव्य है कि खान मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र संख्या-थ्पसम छवण्.16ध्53ध्2022.ड.प्ट, दिनांक 15.01.2024 द्वारा खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम-1957 की धारा-9बी(3) के अन्तर्गत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पी0एम0के0के0के0वाई0)-2024 का समावेश जिला खनिज फाउण्डेशन नियमावली में करते हुए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना-2024 का क्रियान्वयन किया जाए। उक्त के क्रम में उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास (तृतीय संशोधन) नियमावली-2025 प्रख्यापित की जा रही है।
उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास (तृतीय संशोधन) नियमावली-2025 से खनन संक्रिया से प्रभावित क्षेत्रों में व्यक्तियों को लाभ होंगे। कम से कम 70 प्रतिशत डी0एम0एफ0 निधियाँ केवल प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कौशल विकास आदि में व्यय की जाएंगी। 30 प्रतिशत तक की निधि का उपयोग भौतिक संरचना, सिंचाई, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत आदि में किया जा सकेगा।
संशोधित नियमावली प्रख्यापित किये जाने से राज्य सरकार पर कोई व्यय भार नहीं पड़ेगा। डी0एम0एफ0 निगरानी तंत्र मजबूत होगा। मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय निगरानी समिति का गठन किया जायेगा, जो पी0एम0के0के0के0वाई0 के अधीन डी0एम0एफ0 के अन्तर्गत कार्यों की निगरानी करेगी।

उ0प्र0 सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती (चौदहवाँ संशोधन) नियमावली, 2025 का प्रख्यापन
 

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती (चौदहवाँ संशोधन) नियमावली, 2025 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 प्रख्यापित है, जिसमें अब तक 13 संशोधन हो चुके हैं। मा0 उच्चतम न्यायालय में योजित सिविल अपील संख्या-6003/2021 प्रेमलता बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में पारित आदेश दिनांक 05 अक्टूबर, 2021 के अनुपालन में चौदहवाँ संशोधन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती (चौदहवाँ संशोधन) नियमावली, 2025’ के प्रख्यापन के पश्चात इस नियमावली के नियम-5 (1) में निम्नवत परन्तुक जोड़ा जा रहा हैः-
‘परन्तु यह और भी कि मृत सरकारी सेवक जिस समूह में मृत्यु के समय कार्यरत था, मृत सरकारी सेवक के आश्रित को उस समूह से उच्चतर समूह में नियुक्त नहीं किया जाएगा।
परन्तु यह और कि मृत सरकारी सेवक के आश्रित को केवल समूह ‘ग’ के पद (ऐसी सेवाओं और पदों को छोड़कर, जो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परिधि के भीतर आते हैं या जो पूर्व में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परिधि के भीतर थे और बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परिधि के भीतर रख दिया गया है) और समूह ‘घ’ के पदों पर नियुक्त किया जाएगा।

मंत्रिपरिषद को वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लोक निर्माण विभाग में राज्य योजना (सामान्य) एवं स्पेशल कम्पोनेण्ट प्लान के अन्तर्गत विभिन्न परियोजनाओं की निर्गत स्वीकृतियों से अवगत कराया गया

वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लोक निर्माण विभाग में राज्य योजना (सामान्य) एवं स्पेशल कम्पोनेण्ट प्लान के अन्तर्गत विभिन्न परियोजनाओं हेतु प्राविधानित बजट व्यवस्था के सापेक्ष बजट मैनुअल के प्रस्तर-94 के अन्तर्गत निर्गत स्वीकृतियों से मंत्रिपरिषद को अवगत कराया गया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में एकमुश्त बजट के सापेक्ष प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति (लागत), बजट मैनुअल के प्रस्तर-94 में दिए गए प्राविधानों के अनुसार, सक्षम स्तर के अनुमोदनोपरान्त एक सौ छप्पन अरब तीस करोड़ छः लाख उनहत्तर हजार चार सौ अट्ठानबे रुपये मात्र की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्गत की गई।

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