एम0एस0एम0ई0 के लिए किफायती आकार के भूखण्ड और तैयार औद्योगिक शेड उपलब्ध कराना आवश्यक : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम0एस0एम0ई0 विभाग के कार्यां की समीक्षा की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एम0एस0एम0ई0) विभाग के कार्यां की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए लैंड बैंक के विस्तार और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को त्वरित सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्लग एण्ड प्ले मॉडल को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि की पर्याप्त और सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लीज रेंटल मॉडल को रेवेन्यू शेयरिंग के आधार पर आगे बढ़ाया जाए। यह मॉडल उत्तर प्रदेश के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित हो सकता है, इसी आधार पर विस्तृत नीति तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि इस नीति का मुख्य फोकस एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र पर हो, जिससे छोटे और मध्यम उद्योग बिना अतिरिक्त जटिलताओं के तुरन्त उत्पादन शुरू कर सकें।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश में औद्योगिक भूमि की दरें अपेक्षाकृत अधिक हैं, खासकर एन0सी0आर0 से जुड़े जनपदों में यह दबाव अधिक महसूस होता है। भूमि की लागत उद्योगों के विस्तार, तकनीकी उन्नयन और नई इकाइयों की स्थापना के मार्ग में प्रमुख बाधा है। इसी कारण एम0एस0एम0ई0 के लिए किफायती आकार के भूखण्ड और तैयार औद्योगिक शेड उपलब्ध कराना आवश्यक है। नए मॉडल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उद्योग भूमि खरीद और निर्माण सम्बन्धी प्रक्रियाओं में समय और संसाधन खर्च करने के बजाय सीधे उत्पादन, मशीनरी स्थापना और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लग एण्ड प्ले मॉडल के अन्तर्गत औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपनी भूमि का स्वामित्व बरकरार रखते हुए उस पर तैयार औद्योगिक शेड विकसित करेंगे या सार्वजनिक निजी सहभागिता के माध्यम से निर्माण कराया जाएगा। इन शेडों को उद्योगों को पूर्वनिर्मित उपयोग योग्य परिसर के रूप में किराये पर उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मॉडल को पी0पी0पी0 की डी0बी0एफ0ओ0टी0 संरचना के तहत लागू किया जा सकता है। जिसमें निजी क्षेत्र डिजाइन, निर्माण, वित्त और संचालन की जिम्मेदारी सम्भालेगा, जबकि भूमि स्वामित्व और नियामकीय नियंत्रण प्राधिकरण के पास रहेगा। रेवेन्यू शेयरिंग आधारित लीज रेंटल व्यवस्था से प्राधिकरण को स्थायी आय सुनिश्चित होगी और उद्यमियों को बिना भूमि खरीद के चरणबद्ध तरीके से उद्योग विस्तार का अवसर मिलेगा। यह मॉडल एम0एस0एम0ई0 के वित्तीय जोखिम को कम करेगा और उन्हें व्यवसाय संचालन में अधिक लचीलापन प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रस्तावित नीति में उद्योग को दीर्घकालिक स्थिरता और स्पष्टता मिले जबकि भूमि का नियंत्रण राज्य के पास सुरक्षित रहे। रेवेन्यू शेयरिंग व्यवस्था सरल, पारदर्शी और औद्योगिक विकास के लिए सहायक होनी चाहिए ताकि राज्य की भूमि सम्पदा का अधिकतम और उचित उपयोग सुनिश्चित हो सके।



